Inductor in Hindi
Inductor एक पैसिव कॉम्पोनेन्ट है जो इलेक्ट्रिकल एनर्जी को मैग्नेटिक फील्ड के रूप मैं संगृहीत करने का काम करता है।
जब किसी इंसुलेटेड चालक(सामान्यतः कॉपर) को प्लास्टिक या आयरन कोर(Ferromagnetic) के चारों ओर लपेट लिया जाता है तो वह कॉम्पोनेन्ट मैग्नेटिक एनर्जी को संगृहीत कर सकता है जिसको हम Coil, Choke या Inductor कहते हैं।
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Inductor का Inductance
Inductor की कैपेसिटी को Inductance मैं मापा जाता है जिसका मान वोल्टेज और करंट मैं परिवर्तन की दर के अनुपात के बराबर होता है।
L= V/ (dI/dt)
Inductor की SI में इकाई हेनरी (H) है जिसका नाम 19 वीं सदी के अमेरिकी वैज्ञानिक जोसेफ हेनरी के नाम पर है। मैग्नेटिक सर्किट्स मैं इसको वेबर/एम्पीयर भी लिखा जाता है। Inductor की रेंज 1μH से 20H तक होते हैं।
Inductor का Working principle
Electromagnetic induction
Inductor का सिद्धांत Electromagnetic induction पर काम करता है। किसी चालक मैं विद्युत् धारा प्रवाहित होती है तो चालक के चारों मैग्नेटिक फ्लक्स रेखाएं उन्पन्न होती है। जिसे मैग्नेटिक फील्ड कहते हैं।
फैराडे के अनुसार- जब किसी Coil मैं परिवर्ती विद्युत् धारा प्रवाहित होती है तो coil के चारों ओर परिवर्ती मैग्नेटिक फ्लक्स बनता है। जिससे एक Electromotive Force (EMF या वोल्टेज) उत्पन्न होता है।
लेंज़ के अनुसार- उत्पन्न Electromotive Force (EMF) की दिशा विद्युत धारा मैं होने वाले बदलाव का विरोध करती है। जिससे वह स्वयं उत्पन्न होता है।
परिवर्ती धारा>>परिवर्ती मैग्नेटिक फ्लक्स>>EMF
EMF= -dΦ/dt
अतः Inductor भी करंट मैं होने वाले होने वाले बदलाव का विरोध करता है।
Electromagnetic induction दो प्रकार से होता है।
1. Self induction
जब किसी Coil मैं परिवर्ती विद्युत् धारा प्रवाहित होती है तो coil के चारों ओर परिवर्ती मैग्नेटिक फ्लक्स बनता है। जिससे उस Coil मैं एक Electromotive Force (EMF या वोल्टेज) उत्पन्न होता है। इसे सेल्फ इंडक्शन कहते हैं।
1. Mutual induction
जब किसी Coil मैं परिवर्ती विद्युत् धारा प्रवाहित होती है तो परिवर्ती मैग्नेटिक फ्लक्स बनता बनता है यदि यह परिवर्ती मैग्नेटिक फ्लक्स किसी समीप रखी सेकेंडरी Coil के साथ लिंक करता है तो सेकेंडरी Coil मैं एक Electromotive Force उत्पन्न होता है। इस क्रिया को Mutual induction कहते हैं।